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ब्लैक फंगस बीमारी के विषय में संपूर्ण जानकारी : Mucormycosis | Fungal Diseases |

दोस्तों कोरोना महामारी के बाद अब एक और खतरनाक बीमारी देखने को मिल रही है जिसका नाम है ब्लैक फंगस।
ब्लैक फंगस क्या है?
ब्लैक फंगस किन लोगों को होता है
ब्लैक फंगस के लक्षण क्या है 
ब्लैक फंगस से बचाव के उपाय क्या है
ब्लैक फंगस को लेकर भ्रांतियां
इन सारी बातों पर आज हम संक्षेप में टिप्पणी करने वाले हैं क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से भिन्न भिन्न तरीके से इसके विषय में बताया जा रहा है जिसके कारण आम व्यक्ति इस बीमारी को सही तरीके से समझ ही नहीं पा रहा है, तो दोस्तों आज आपके सारे कंफ्यूजन दूर होने वाले हैं इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें और अपने साथियों के साथ भी इसे अवश्य शेयर करें।

ब्लैक फंगस क्या है -
ब्लैक फंगस का वैज्ञानिक नाम म्यूकोरमाइकोसिस है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि फंगस का रंग सफेद होता है फिर क्यों इस बीमारी को ब्लैक फंगस का नाम दिया जा रहा है ?
इसका कारण यह है कि ब्लैक फंगस बीमारी हमारी त्वचा को प्रभावित करती है जिसके कारण हमारी त्वचा की कोशिका मर हो जाती है व हमारी त्वचा का रंग काला पड़ जाता है और इसी कालेपन के कारण इस बीमारी का नाम ब्लैक फंगस रख दिया गया।

ब्लैक फंगस किसे होता है ?
दोस्तों इस प्रश्न पर विभिन्न तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं जिसके कारण आम जनता इस बीमारी से बहुत डर रही है।
दोस्तों घबराने की कोई बात नहीं है यह बीमारी किसे होती है एक बार आप इसे गौर से समझ लीजिए
जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक कमजोर होती है वह व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ सकता है पर यदि हम बात करें कि किन व्यक्तियों को ब्लैक फंगस  की शिकायत अधिक हो सकती है तो उस कैटेगरी में निम्न आएंगे -
  •  HIV से संक्रमित व्यक्ति
  •  कैंसर का मरीज
  •  किडनी की समस्या से ग्रसित मरीज
 इन सभी कैटेगरी के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की अत्यधिक कमी होती है जिसके कारण यह बीमारी इन्हें घेर लेती है परंतु वर्तमान स्थिति में कोरोनावायरस से ठीक हुआ मरीज व डायबिटीज के मरीज को इस तरह की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। चलिए हम इसके कारण को भी जान लेते हैं
 दोस्तों कोरोनावायरस से ठीक होने के लिए Steroids का अधिक मात्रा में प्रयोग इस बीमारी को दावत दे देता है, अब जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पहले से कम है और जिन्हें अधिक मात्रा में स्टेरॉयड भी दे दिया गया है तो वह कहीं ना कहीं इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। ठीक इसी प्रकार डायबिटीज के मरीज को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ता है
स्टेरॉयड की अधिक मात्रा के सेवन से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, और जो व्यक्ति अपनी शुगर को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है वह इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। अतः यदि आप डायबिटीज के पेशेंट हैं और आपको कोरोनावायरस भी हुआ है तो कोरोनावायरस होने के बाद आप अपनी शुगर को नियंत्रित रखने का पूरा प्रयास करें, यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको ब्लैक फंगस से घबराने की किसी भी प्रकार की कोई जरूरत नहीं है।
  • 50% Mortality
  • Sugar control
  • Stop Steroids
ब्लैक फंगस को कैसे पहचाने 
सबसे महत्वपूर्ण बात यह आती है कि हम कैसे पहचाने कि हम ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं क्योंकि यदि इस बीमारी को हम पहले से ही समझ जाते हैं और इसके इलाज की ओर अपना कदम बढ़ा देते हैं तो यह बीमारी जानलेवा नहीं हो पाती है और सही समय, सही इलाज के चलते हम इस बीमारी पर जीत पा लेते हैं,परंतु उसके लिए यह बहुत जरूरी होता है कि समय रहते इसके विषय में जागरूक होना और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना क्योंकि यह बीमारी यदि आपको हो चुकी है और आप इसके इलाज में थोड़ी भी देर करते हैं तो यह एक ही दिन में अपना विस्तृत रूप ले लेती है और जिसके कारण इस पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है। तो दोस्तों चलिए हम जान लेते हैं कि-

 ब्लैक फंगस के लक्षण क्या है
👉सिर के एक भाग में बहुत दर्द होना।
चेहरे के आधे भाग का सुन्न होना अर्थात अर्थात आपके छूने पर आपके चेहरे पर स्पर्श का अनुभव ना होना , दर्द का पता ना चलना, कुछ चुभा रहे हैं तो चुभन महसूस ना होना ।

👉चेहरे के एक भाग में सूजन आना।

👉दांतों में दर्द शुरू होना,दांतों का ढीला पड़ना।

👉सांस लेने पर नाकों में तकलीफ होना या नाक पर हल्का-हल्का कालापन दिखना

👉नाक से खून निकलना।

समय रहते इसका ट्रीटमेंट क्यों जरूरी है
यदि हम इसका समय रहते ट्रीटमेंट करवा देते हैं तो हमारी जान जाने का खतरा कम हो जाता है मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि ब्लैक फंगस एक ऐसी बीमारी है जिसमें ज्यादातर व्यक्ति ने अपनी जान खोदी है यदि मैं सरल भाषा में, आंकड़े में बात करूं तो आप ऐसे समझ सकते हैं कि प्रत्येक 100 व्यक्ति में 50 से 60 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने अपनी जान इस ब्लैक फंगस बीमारी के चलते गवा दी है। 
जितनी जल्दी हम इसे पकड़ लेंगे, इसे समझ लेंगे और इसका इलाज करवा लेंगे, तब जान का खतरा कम हो जाता है परंतु यदि हमने थोड़ी भी लापरवाही करी तो यह बीमारी एक बहुत बड़ा रूप ले लेती है
यह बीमारी नाक से शुरू होते हुए हमारी आंखों को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे करके अपने रूप को बढ़ाते जाती है परंतु मैं आपसे फिर कह रहा हूं यदि आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखते हैं अपनी डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित रखते हैं तो आप को इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है और यदि आपको इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो आप बिना देरी करें डॉक्टर से मिले और इसका इलाज करवाएं, यह बीमारी आप का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।

क्या ब्लैक फंगस फेलने वाली बीमारी है।
यदि मैं ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज के साथ बैठता हूं उसकी देखभाल करता हूं उसके साथ रहता हूं तब यह बीमारी क्या मुझे भी हो सकती है ?
इसका जवाब है नहीं।
दोस्तों यह बीमारी कोरोनावायरस बीमारी की तरह नहीं है जो आपको संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से, उसके छूने से हो सकती है, तो इस बात का भ्रम आप बिल्कुल न पालें ब्लैक फंगस संक्रमण बीमारी नहीं है।
अधिकतर प्रयोग में होने वाला इंजेक्शन - Liposomal Amphotericin B injection
दोस्तों इस बीमारी में इस इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है इसे बताने का मेरा कारण सिर्फ यही था कि आप सभी जानते हैं कि वर्तमान में बढ़ती जरूरत की कालाबाजारी अधिक मात्रा में हो रही है यदि आपको इस इंजेक्शन को लेकर कोई कालाबाजारी करते नजर आता है तो तत्काल पुलिस प्रशासन की मदद से सख्त कार्यवाही करवाएं।

ब्लैक फंगस को लेकर भ्रांतियां व बचाव के उपाय
दोस्तों इस बीमारी से डरने की आपको बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। 
आपको तरह तरह से न्यूज़ में, यूट्यूब पर, हर कहीं इतना अधिक दिखा दिया गया है कि आप इससे बहुत अधिक भयभीत हो गए हैं। 
दोस्तों यदि एक मोटा मोटा हिसाब मैं आपको बताऊं तो 1000 लोगों में 3 ऐसे व्यक्ति होते हैं जो इस बीमारी से संक्रमित होते हैं तो इस बीमारी से इतना भी भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें, फल फ्रूट का सेवन करें,
व्यायाम करें, पौष्टिक आहार लें, जिनको डायबिटीज की समस्या है वह अपनी डायबिटीज को नियंत्रित करे अपने खान-पान पर ध्यान रखें क्योंकि डायबिटीज के मरीज ज्यादातर इससे प्रभावित हो रहे हैं यदि इन सभी बातों पर आप ध्यान रखते हैं तो आपको ब्लैक फंगस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है।
Normal Rate - 

Random Blood Sugar < 160mg/dl
Fasting <120mg/dl

ब्लैक फंगस से जुड़े सवाल
ब्लैक फंगस भारत में ही क्यों फैल रहा है यह अमेरिका और दूसरे देशों में क्यों नहीं फैल रहा है
दोस्तों ऐसा नहीं है कि यह बीमारी सिर्फ और सिर्फ भारत में ही फैल रही है यह बीमारी अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी फैल रही है बस इसका असर भारत में अधिक है, ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश के पढ़े लिखे लोगों ने भी कोरोनावायरस जैसी महामारी से बचने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए अधिक मात्रा में Steroid का उपयोग किया है व हमारे देश में दूसरे देशों की तुलना में डायबिटीज के मरीज भी अधिक है और ऐसे व्यक्ति भी बहुत अधिक मात्रा में है जो डायबिटीज के मरीज है परंतु उन्हें इस विषय में जानकारी ही नहीं है।
जबकि दूसरे देशों में बिना डॉक्टर के परमिशन के या लिखित अनुमति के Steroid उपलब्ध कराना प्रतिबंधित है और अमेरिका जैसे बड़े देशों में डायबिटीज के मरीज अपनी डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए समय-समय पर डॉ. से परामर्श करते रहते हैं और इसके प्रति सचेत रहते हैं परंतु भारत में अभी इसकी कमी है।
नाही जनता पूरी तरीके से डायबिटीज को लेकर जागरूक है और ना ही जिन्हें डायबिटीज है वह अपने डायबिटीज पर नियंत्रित रखते हैं इन्हीं सब कारणों के चलते वर्तमान में भारत को इस बीमारी से लड़ना पड़ रहा है।

दोस्तों आशा करता हूं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और यदि आप इस विषय को लेकर अपने विचार रखना चाहते हैं या किसी भी प्रकार के कोई प्रश्न को पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट अवश्य करें।
दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ब्लैक फंगस महामारी को लेकर ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति जागरूक हो सके व और लोगों को जागरूक कर सके।
धन्यवाद

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